आंतरिक बल (भाग – 1)-मन एक रेडीयो स्टेशन है

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छठी इन्द्रिय जागृत होने पर पूर्वाभास की क्षम ता बढ़ जाती है। भविष्य की घटनाओं को जाना जा सकता है। दस वर्ष बाद आपकी सेहत कैसी होगी आपके बच्चे क्या काम-धंधा कर रहे होंगे। दस वर्ष बाद देश कहॉं होगा। देश का प्रधानमंत्री कौन होगा। इस तरह जिन चीजों से आपका जीवन प्रभावित होता है उनके बारे मनन करते रहा करो। इससे आपकी छठी इन्द्रिय की क्षमता का विकास होगा। छठी इन्द्रिय जागृत होने पर मीलों दूर बैठे व्यक्ति की बातें सुन सकते हैं। किसके मन में क्या विचार चल रहा है यह पता चल जाता है। आपके स्नेही व्यक्ति जो अलग-अलग शहरों में रहते हैं उनको मन में देखकर उन्हें सुनने की कोशिश करो वह क्या सोच रहे हैं। क्या बोल रहे हैं। आपके शहर का मेयर या डिप्टी कमिश्नर, आपका सांसद, विधायक क्या सोच रहा है। आपके राज्य का मुख्यमंत्री क्या सोच रहा है। उसे सुनने की कोशिश करो। उन्हें अच्छे कार्य करने की प्रेरणा दो। इससे आपकी छठी इन्द्रिय में निखार आयेगा। व्यक्ति से कुछ भी छिपा नहीं रहता। पूर्वाभास एक होशो-हवाश में आया विचार या भावना है जिसे हम देखने के साथ महसूस भी कर सकते हैं। घटित होने वाली बात से बचने के लिये प्रेरित करती है। दुनिया के एक तिहाई लोगों की इन्द्रिय काफी सक्रिय होती हैं परंतु उसे कोई मान्यता नहीं है, सिर्फ लोग अनजाने में ही करते रहते हैं। जब बच्चे घर से बाहर जाते हैं तो उन्हें बहनें कहती रहती हैं, सीधे आना सीधे जाना, बस की खिड़की पर खड़े मत होना। छठी इन्द्रिय जागृत कर प्रत्येक मनुष्य दूसरे के मन की बात जान सकता है। आपके विरोधी को एक निश्चित समय पर मन से सुना करो वह क्या कर रहा है। प्राचीन ऋषि इसी का प्रयोग करके दूसरे के मन की बात जानकर मन-ही-मन समाचार लिया दिया करते थे। एक निर्धारित समय पर मन से सुना करो आप की शिक्षक क्या सोच रही है। सूरज भाई, गीता बहन, आत्म भाई और दूसरे अनन्य रत्न क्या सोच रहे हैं। अंतरिक्ष में जाने वाले लोगों को इस विद्या में प्रशिक्षित किया जाता है। जब आपके क्षेत्र से कोई हवाई जहाज, हेलीकॉप्टर गुजरता है मन से उनसे सम्पर्क किया करो और देखो वह क्या सोच रहे हैं। उन्हें प्रणाम करो। हवाई जहाज में कोई दिक्कत हो जाये तो पायलट मन के द्वारा अपने संदेश को धरती पर अपने नियंत्रण कक्ष को भेज सकता है और उनसे निर्देश ले सकता है। जब आप स्कूटर या कार आदि चला रहे हैं तो उस समय जाने वाले स्थान के लोगों और अपने घर के लोगों को मानसिक संदेश लिया और दिया करो। इससे आपकी छठी इन्द्रिय में बहुत निखार आयेगा। आप जो सोच रहे हैं वह दूसरों तक पहुँच रहा है। यह सब ईथर के द्वारा होता है ऐसे ही अगर कोई आपके बारे सोचता है तो आप भी वह प्राप्त कर रहे होते हैं। अगर आपके विचारों में जरा सी भी नकारात्मकता है तो आप अंजाने में अपनी छठी इन्द्रिय को कमजोर कर रहे हैं। यदि आपके संकल्प सकारात्मक है तो आप अपनी छठी इन्द्रिय को शक्तिशाली बना रहे हैं। छ इन्द्रिय की शक्ति सभी में रहती है। आग बुझाने वाले लोग, मैडिकल के लोग, सेना के लोग, आपात स्थितियों में काम करने वाले लोगों की छठी इन्द्रिय तीव्र होती है।

(प्रजापिता ब्रम्हाकुमारी ईश्‍वरीय विश्‍व विद्यालय)