आंतरिक बल (भाग – 1)-मनचाही प्राप्ति और कुदरती नियम

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प्रत्येक व्यक्ति कोई-न-कोई रोग से पीड़ित है। हमें रोगों का डॉक्टर से मिलकर उपचार करना है। ध्यान साधना व राजयोग अर्थात् परमात्मा की याद से भी रोग ठीक होते हैं परंतु सारी दुनिया ध्यान साधना नहीं करती और न ही भगवान में विश्वास करती और जो लोग साधना करते हैं उनका भी गहरा योग नहीं लगता। प्रायः माने हुये योगी भी बीम ार रहते हैं। बीमारी से मुक्ति पाना सभी का अधिकार है, वह चाहे भगवान को माने चाहे न माने। रोग मुक्त सभी होना चाहते हैं। बीमारी को ठीक करना है तो कुदरत के नियमों को समझना होगा। कुदरती नियम कहता है कि जो कुछ आप प्राप्त करना चाहते हैं या बनना चाहते हैं उसे हर रोज थोड़ी देर दोहराते रहो और कुछ नया ज्ञान पढ़ो। शरीर में कोई भी रोग हो उसकी दवाई तो डॉक्टर से लेते रहो। मन ही मन दोहराते रहो मैं ठीक हो रहा हूँ ठीक हो रहा हूँ। जब भी रोग से तकलीफ हो उस समय कहते रहो मैं ठीक हो रहा हूँ। तब आप सचमुच में ठीक हो जायेंगे। पता नहीं ठीक होऊँगा की नहीं। यह भयानक रोग है। इस बीमारी से फलाना-फलाना व्यक्ति मर गया था। अगर ऐसा सोचेंगे तो रोग ठीक नहीं होगा। दबाई असर नहीं करेगी। कोई पूछे कैसे हो तो कहो पहले से ठीक हूँ। चाहे कितनी तकलीफ हो, कोई भी पूछे उसे यही कहना है पहले से ठीक हूँ। सिर्फ डॉक्टर को बताये कि क्या और कितना कष्ट है। दूसरा व्यक्ति कोई रोग थोड़ा ही ठीक करेगा। उल्टा कोई-न-कोई कमजोर शब्द बोलेगा। अगर हर समय बीमारी का दुखड़ा रोते रहेंगे तो लोग आपसे कन्नी काटने लगेंगे। वह सोचेंगे कि कहीं इसका रोग मुझे न हो जाये। हमारे अंदर एक केन्द्र है जो शरीर की मुरम्मत करता है। एक बार रोज दोहराते रहो मेरे मन वहॉं चल जिस केन्द्र में शरीर को मुरम्मत करने की शक्ति है। वह केन्द्र मेरा रोग ठीक कर रहा है। हे मन उस तापमान में चल जो मॉं के पेट में होता है जहॉं शरीर का पुनर्निर्माण होता है। मैं उसी वातावरण में हूँ। मेरा अमुक अंग का पुनर्निर्माण हो रहा है। यह वाक्य दिन में 10 बार कम-से-कम जरूर दोहराना है । इससे आप में मनोबल बढ़ जायेगा और आप ठीक हो जायेंगे। एक नोट बुक बना लो और उसमें लिखते रहो आप क्या चाहते हैं। इन वाक्यों को एक बार जरूर दोहराना है। पहला नियम मैं स्वस्थ हूँ। इसे दोहराते रहो। आप जो कुछ चाहते हैं उसके लिए कुदरत का नियम यह है कि वह लक्ष्य या इच्छा लिख लो। उसे रोज पढ़ो पढ़ने के बाद एक नया पॉइंट और लिख लो जो आपके लक्ष्य के लिये जरूरी है। आप चाहते हैं मैं इंग्लिश में मास्टरी हासिल करूँ मेरी शब्दावली भरपूर हो जाये। पहले दिन कोई एक नया शब्द लिखे उसका अर्थ लिख लें। अगले दिन उस शब्द को पढ़ो तथा एक नया शब्द और उसका अर्थ लिखे। तीसरे दिन पहले दो दिनों के शब्द पढ़ने हैं। तीसरे दिन नया शब्द लिखना है। ऐसे ही चौथे, पॉंचवें, छठे तथा 365 दिन तक पिछले शब्द दोहराने और एक-एक शब्द बढ़ाते चले जाना है। ये अभ्यास अगर आप 10 वर्ष तक करते रहे तो आपके पास भरपूर इंग्लिश की शब्दावली होगी ऐसे ही अगर आप चाहते हैं कि आपकी सेहत अच्छी

(प्रजापिता ब्रम्हाकुमारी ईश्‍वरीय विश्‍व विद्यालय)