आंतरिक बल (भाग – 1)-मन एक रेडीयो स्टेशन है

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के मन को जलाती है। जलने से बदबू निकलती है। फूलों को महक को देती है। गुस्सा करने से ऑक्सीजन की कमी पड़ जाती है यही कारण है कि गुस्से को कम करने के लिये ठंडा पानी पीना एक पुरानी तरकीब है, जो कारगर है, क्योंकि पानी पीने से ऑक्सीजन की कम पूरी हो जाती है। इसे एक बार जरूर अजमा कर देखें। इसके अलावा सकारात्मक विचारों की अपनाकर आप बहुत आसानी से मन को शांत रख सकते हैं। यही नियम और यही विधि से रत, अपमान, निंदा-चुगली आदि विचारों पर भी विजय पा सकते हैं। ये आदतें ये वृत्तियां हो असल में कर्म का फल है। हमें बाजार से कोई भी चीज खरीदनी हो तो हमें उसका सैंपल दिखाया जाता है। ऐसे ही हम कोई भी संकल्प करते हैं तो उसका परिणाम क्या होगा उसका सैंपल हमें संकल्प करते ही महसूस होता है। अगर किसी के लिये बुरा सोचते हैं तो कुदरत फल के रूप में टेस्ट करने के लिये सैंपल देती है। यह सैंपल है अच्छा न लगना। हमें बुरा-बुरा लगना। सोचो सैंपल ही इतना कड़वा है तो फल कैसा होगा। कितना कड़वा होगा। इस संकेत को समझकर योग्य कर्म करें। कुदरत का संकेत हर कर्म में मिलता रहता है। उसको समझ कर श्रेष्ठ कार्य करो। अगर किसी को गलत राय देते हैं तो आपको बेचैनी होने लगती है। आपकी राय मानकर उसने जो गलत कार्य किया उसका हिस्सा आपको भी मिलेगा। आप किसी से ईर्ष्या करते हैं तो उस समय मन में जलन की महसूसता होती है। भविष्य में इसका फल आप बहुत सारे व्यक्ति आपसे नफरत करेंगे।

(प्रजापिता ब्रम्हाकुमारी ईश्‍वरीय विश्‍व विद्यालय)